उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना (MSY) की आधिकारिक शुरुआत 3 मई 2025 को की। यह योजना विशेष रूप से कमजोर और गरीब परिवारों के बच्चों के लिए पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा और साथ ही गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को टेक-होम राशन (THR) भी प्रदान किया जाएगा। यह योजना केंद्र सरकार की पोषण अभियान के उद्देश्यों के अनुरूप है।
कौन होगा लाभार्थी?
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का लाभ विशेष रूप से निम्नलिखित वर्गों को मिलेगा:
- 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चे, जो आंगनवाड़ी केंद्रों में पंजीकृत हैं।
- वे गरीब परिवार जो डॉ. भीमराव अंबेडकर शून्य गरीबी मिशन के तहत चिन्हित हैं।
- अति पिछड़े जिलों और विकास खंडों में रहने वाले परिवार, जिन्हें अक्सर कुपोषण की अधिक समस्या होती है।
इन लाभार्थियों को सुबह के समय आंगनवाड़ी केंद्रों पर दूध, फल और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों का नाश्ता दिया जाएगा। साथ ही, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को घर ले जाने योग्य प्री-कुक्ड टेक-होम राशन दिया जाएगा, जिससे उन्हें उचित पोषण मिल सके।
आवेदन कैसे करें?
फिलहाल योजना के लिए अलग से कोई ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया घोषित नहीं की गई है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को योजना के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
वर्तमान जानकारी के अनुसार:
- जो बच्चे और महिलाएं आंगनवाड़ी केंद्रों में पहले से पंजीकृत हैं, उन्हें स्वतः योजना में शामिल किया जाएगा।
- जिन परिवारों को शून्य गरीबी मिशन के तहत पहचाना गया है, वे सीधे योजना से जुड़ेंगे।
- आवेदन से संबंधित औपचारिक दिशानिर्देश जल्द ही उत्तर प्रदेश बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और आईसीडीएस पोर्टल पर जारी किए जाएंगे।
योजना कब से शुरू होगी?
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की आधिकारिक शुरुआत 3 मई 2025 को हुई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने योजना को उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में लागू करने का संकल्प लिया।
- वर्तमान में राज्य के 43 जिलों में टेक-होम राशन (THR) यूनिट्स चालू हैं।
- सरकार का लक्ष्य है कि जल्द ही सभी 75 जिलों में THR यूनिट्स स्थापित की जाएं।
- योजना का क्रियान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है, और जिला स्तरीय निगरानी समितियां बनाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम उत्तर प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह योजना गरीब परिवारों के बच्चों और माताओं को पौष्टिक आहार प्रदान कर उन्हें स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाएगी।”

राज्य सरकार की व्यापक रणनीति
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना को राज्य सरकार की एक बहुआयामी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें विभिन्न विभाग जैसे स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास और शिक्षा मिलकर काम करेंगे।
योजना के मुख्य उद्देश्य:
- आंगनवाड़ी केंद्रों पर नियमित स्वास्थ्य जांच और बच्चों की वृद्धि की निगरानी।
- माता-पिता को पोषण, स्वच्छता और शुरुआती बाल देखभाल पर जागरूक करना।
- स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों और पंचायतों को योजना में शामिल करना।
अधिक जानकारी कहां से प्राप्त करें?
नागरिकों को योजना से संबंधित नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित सरकारी पोर्टलों और स्थानीय कार्यालयों से संपर्क करने की सलाह दी जाती है:
सरकार आने वाले समय में योजना के लिए डैशबोर्ड या मोबाइल ऐप लॉन्च करने की भी योजना बना रही है, जिससे लाभार्थी आवेदन स्थिति और वितरण से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकें।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक सराहनीय पहल है, जिसका उद्देश्य राज्य के सबसे कमजोर वर्ग बच्चों और महिलाओं को पोषण सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना न केवल स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों को बेहतर जीवन देने की दिशा में भी एक प्रयास है।
यदि इसे प्रभावी रूप से लागू किया गया, तो यह योजना उत्तर प्रदेश को कुपोषण मुक्त राज्य बनाने में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

Pankaj Kumar is a journalist at Chandigarh X, covering admit cards, recruitment, and government schemes. His articles provide readers with detailed insights into application processes, eligibility, and exam updates.
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