एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ीं 2025: आपने हाल ही में अपना एलपीजी सिलेंडर बुक किया है और कीमत ज़्यादा देखी है, तो आप अकेले नहीं हैं। 8 अप्रैल 2025 से पूरे भारत में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में ₹50 की बढ़ोतरी हुई है। यानी अब दिल्ली में आपको ₹853 देने होंगे और पटना में वही सिलेंडर ₹951 में मिल रहा है।
ये बढ़ोतरी सिर्फ आम लोगों को ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत गैस लेने वालों को भी प्रभावित कर रही है। अब उन्हें भी ₹503 की बजाय ₹553 चुकाने होंगे। सरकार का कहना है कि ये बढ़ोतरी वैश्विक ईंधन कीमतों को ध्यान में रखते हुए जरूरी थी, लेकिन गांवों और छोटे कस्बों में रहने वाले परिवारों के लिए ये बोझ और बढ़ा दिया है।
तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि ये बढ़ोतरी क्यों हुई है और आप इससे कैसे निपट सकते हैं।
क्यों बार-बार बढ़ रही हैं एलपीजी की कीमतें?
असल में, ये सब वैश्विक तेल बाजार से जुड़ा हुआ है। भारत ज़्यादातर तेल आयात करता है, इसलिए जब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में दाम बढ़ते हैं, तो इसका असर सीधे घरेलू एलपीजी कीमतों पर पड़ता है। तेल उत्पादक देशों (जैसे ओपेक+) की सप्लाई में कटौती, युद्ध या संकट जैसे हालात और बढ़ती ग्लोबल मांग से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं।
एलपीजी भी इसी कच्चे तेल से बनता है, इसलिए इसकी लागत भी बढ़ जाती है। इसी वजह से सरकार हर कुछ हफ्तों में एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करती है, ताकि कंपनियों, सरकार और आम लोगों के बीच बोझ को बराबर बांटा जा सके।
घर के बजट पर क्या असर पड़ेगा?
जैसा कि हम सब जानते हैं, गैस हमारे हर दिन की जरूरत है – चाहे सुबह की चाय हो या रात का खाना। तो जब एक बार में ₹50 का इजाफा होता है, तो वो महीने के बजट को हिला सकता है। खासकर मिडल क्लास और ग्रामीण परिवारों के लिए ये झटका बड़ा होता है, जिनके पास पहले से ही सीमित साधन होते हैं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जैसी स्कीम्स से गरीब परिवारों को सस्ती गैस मिलती है, लेकिन अब ये भी कुछ महंगी हो गई है। भले ही ये अभी भी सब्सिडी वाली दर है, पर जिन परिवारों का बजट पहले ही तंग है, उनके लिए ये चिंता की बात है।
अब आपको कितनी कीमत देनी होगी? एक नजर में देखें:
शहर | पुरानी कीमत | नई कीमत (अप्रैल 2025) | उज्ज्वला योजना लाभार्थी के लिए |
---|---|---|---|
दिल्ली | ₹803 | ₹853 | ₹553 |
पटना | ₹901 | ₹951 | ₹553 |
अन्य | ₹803–₹901 | ₹853–₹951 | ₹503–₹553 |
हर शहर में ₹50 की समान बढ़ोतरी हुई है। ये नई कीमतें अब लागू हो चुकी हैं, यानी आपकी अगली बुकिंग इन्हीं रेट्स पर होगी।
गैस की बचत कैसे करें? कुछ आसान टिप्स
एलपीजी महंगी हो गई है, तो रसोई में थोड़ी समझदारी दिखाने का वक्त है। यहां कुछ आसान तरीके हैं जिनसे आप गैस की खपत कम कर सकते हैं:
- प्रेशर कुकर का इस्तेमाल करें – इससे खाना जल्दी बनता है और गैस भी कम लगती है।
- आंच धीमी रखें – ज़्यादातर खाना मध्यम या धीमी आंच पर आराम से बन जाता है।
- एक बार में ज्यादा खाना बनाएं – फिर उसे दो-तीन बार गर्म करके खाएं।
- चूल्हे की सफाई करते रहें – साफ और सही तरह से काम करने वाला चूल्हा कम गैस जलाता है।
- वैकल्पिक उपायों पर सोचें – जहां संभव हो, सोलर कुकर या बायोगैस जैसे विकल्पों पर विचार करें।
छोटे-छोटे बदलाव आपके गैस बिल को काफी कम कर सकते हैं।

सरकार क्या कदम उठा रही है?
सरकार कह रही है कि वो अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति पर नज़र रख रही है और हर 2–3 हफ्ते में एलपीजी की कीमतों की समीक्षा करती रहेगी। उज्ज्वला योजना के तहत सब्सिडी जारी रहेगी ताकि ज़रूरतमंद परिवारों को सस्ती गैस मिलती रहे।
साथ ही सरकार साफ-सुथरी ऊर्जा के विकल्प जैसे इलेक्ट्रिक स्टोव और सोलर कुकर को बढ़ावा दे रही है – खासकर गांवों और पिछड़े इलाकों में।
ये कदम सही दिशा में हैं, लेकिन असली चुनौती ये है कि हर किसी को सस्ते और सुरक्षित ईंधन की सुविधा मिलती रहे। इसलिए लोगों को भी जागरूक होना और सरकारी योजनाओं का फायदा उठाना बहुत ज़रूरी है।
ग्रामीण भारत पर ज्यादा असर
गांवों में ये असर और ज्यादा गहरा है। जो परिवार सब्सिडी पर निर्भर हैं, उन्हें अब बढ़ी हुई कीमतें और सीमित विकल्पों से दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। अगर गैस महंगी होती रही, तो लोग फिर से लकड़ी या मिट्टी का तेल इस्तेमाल करना शुरू कर सकते हैं।
इसलिए सरकार को उज्ज्वला योजना जैसे प्रयासों को जारी रखना होगा और वैकल्पिक ईंधनों को सस्ता व सुलभ बनाना होगा।
निष्कर्ष:
एलपीजी की कीमतों में यह बढ़ोतरी भले ही छोटी लगे, लेकिन लंबे समय में ये जेब पर भारी पड़ सकती है। चाहे आप शहर में हों या गांव में, इसका असर हर घर पर पड़ेगा।
हालांकि हम ग्लोबल ऑयल प्राइस को कंट्रोल नहीं कर सकते, लेकिन गैस के इस्तेमाल में समझदारी दिखाकर पैसे बचा सकते हैं:
- जांचें कि आप PMUY जैसी योजनाओं के लिए पात्र हैं या नहीं।
- अपने गैस एजेंसी से बचत के उपायों के बारे में बात करें।
- आंशिक रूप से इलेक्ट्रिक कुकिंग पर शिफ्ट होने का विचार करें, अगर संभव हो।

Pankaj Kumar is a journalist at Chandigarh X, covering admit cards, recruitment, and government schemes. His articles provide readers with detailed insights into application processes, eligibility, and exam updates.
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