IPL 2025 में अपने शानदार पदार्पण के बाद रातोंरात सोशल मीडिया सेंसेशन बन चुके 14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी का मुंबई इंडियंस के खिलाफ प्रदर्शन फीका रहा। राजस्थान रॉयल्स (RR) के लिए खेलते हुए उन्होंने पिछले मैच में मात्र 35 गेंदों में शतक जड़कर इतिहास रच दिया था, लेकिन इस बार वह खाता भी नहीं खोल सके और केवल दूसरी गेंद पर पवेलियन लौट गए। जैसे ही यह हुआ, इंटरनेट पर मीम्स और प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
क्रिकेट का उभरता सितारा
बिहार से ताल्लुक रखने वाले वैभव सूर्यवंशी ने 28 अप्रैल 2025 को गुजरात टाइटन्स (GT) के खिलाफ जबरदस्त शतक लगाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने न केवल आईपीएल में अपना डेब्यू किया बल्कि सबसे तेज़ भारतीय शतक भी बनाया। उनकी उम्र केवल 14 साल है, जिससे वह इस टूर्नामेंट के अब तक के सबसे युवा खिलाड़ी भी बन गए हैं।
हीरो से जीरो: मुंबई के खिलाफ खराब प्रदर्शन
1 मई को मुंबई इंडियंस (MI) के खिलाफ हुए मैच में सबकी निगाहें एक बार फिर वैभव पर टिकी थीं। हालांकि, उनकी बल्लेबाजी इस बार वैसी नहीं रही जैसी उम्मीद थी। वह दीपक चाहर की स्विंग गेंद पर चकमा खाकर दूसरी ही गेंद पर आउट हो गए।
यह क्रिकेट में अक्सर देखा गया है एक मैच में सितारे और दूसरे ही मैच में संघर्ष। लेकिन वैभव की उम्र और हालिया सफलता को देखते हुए इस उतार-चढ़ाव ने सोशल मीडिया पर खासा ध्यान खींचा।
मीम्स और प्रतिक्रियाओं की बाढ़
जैसे ही वैभव का विकेट गिरा, सोशल मीडिया पर मीम्स और फनी कमेंट्स वायरल होने लगे। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ट्रेंडिंग हैशटैग्स में #VaibhavSuryavanshi और #RRvsMI शामिल रहे।
एक वायरल मीम में कहा गया:
14 साल का वैभव सूर्यवंशी आईपीएल में सबसे तेज़ शतक लगाता है, और 22 साल का मैं: अभी भी जॉब के लिए इंटरव्यू दे रहा हूं।
दूसरे मीम्स में वैभव के “हीरो से जीरो” ट्रांजिशन को मजाकिया अंदाज़ में दिखाया गया। हालांकि अधिकतर प्रतिक्रियाएं मजाकिया थीं, कई फैन्स ने उनकी उम्र को ध्यान में रखते हुए सहानुभूति भी जताई।

वैभव सूर्यवंशी: एक लंबी राह
वैभव का आईपीएल में चयन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा टैलेंट स्काउटिंग कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ था। BCCI ने हाल के वर्षों में अंडर-14 और अंडर-16 प्रतिभाओं के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनकी जानकारी BCCI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
भारतीय खेल मंत्रालय के खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने भी ग्रामीण और कस्बाई इलाकों से टैलेंट खोजने में बड़ी भूमिका निभाई है।
विशेषज्ञों की राय
पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने मैच के बाद कहा:
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वैभव सिर्फ 14 साल का है। इतनी कम उम्र में इस तरह का प्रदर्शन करना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। एक मैच खराब हो जाना बहुत सामान्य बात है।
बाल खिलाड़ियों के लिए नियम और संरक्षण
भारत सरकार के बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अनुसार, 14 साल से कम उम्र के बच्चों से श्रम कराना अवैध है, लेकिन खेल जैसे क्षेत्रों में विशेष छूट दी जाती है बशर्ते कि यह उनकी शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित न करे। अधिक जानकारी के लिए आप NCPCR की वेबसाइट देख सकते हैं।
BCCI और फ्रैंचाइज़ी टीमें बाल खिलाड़ियों के लिए विशेष काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक सहायता भी उपलब्ध कराती हैं ताकि वे दबाव का सामना बेहतर ढंग से कर सकें।
निष्कर्ष
वैभव सूर्यवंशी का सफर अभी शुरू हुआ है। एक मैच में फ्लॉप प्रदर्शन होना उनकी प्रतिभा को कम नहीं करता। सोशल मीडिया पर मीम्स और प्रतिक्रियाएं भले ही तात्कालिक हों, लेकिन क्रिकेट जगत को एक नई उम्मीद और सितारा मिल चुका है।
फैन्स को भी चाहिए कि वे युवा खिलाड़ियों को लेकर जिम्मेदारी से व्यवहार करें और उनके मनोबल को गिराने की बजाय उन्हें प्रोत्साहित करें।

Pankaj Kumar is a journalist at Chandigarh X, covering admit cards, recruitment, and government schemes. His articles provide readers with detailed insights into application processes, eligibility, and exam updates.
Outside of work, Pankaj enjoys traveling, fitness, and cricket, often participating in local matches on weekends.