भारत सरकार ने नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाने और देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर कई ऋण योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य कृषि, शिक्षा, विनिर्माण, लघु व्यवसायों और सेवा क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को सुलभ और सस्ती वित्तीय सहायता प्रदान करना है विशेष रूप से उन लोगों को जो पारंपरिक बैंकिंग से वंचित रहते हैं।
आइए जानते हैं कुछ प्रमुख सरकारी ऋण योजनाओं के बारे में जो वर्तमान में भारत में लागू हैं:
1. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु उद्यमों को ऋण प्रदान किया जाता है। यह तीन श्रेणियों में विभाजित है:
- शिशु – ₹50,000 तक का ऋण
- किशोर – ₹50,001 से ₹5 लाख तक
- तरुण – ₹5 लाख से ₹10 लाख तक
यह योजना व्यापारियों, हस्तशिल्पकारों और लघु उद्यमियों के लिए उपयुक्त है। ऋण के लिए कोई ज़मानत नहीं ली जाती और अधिकतम 7 वर्षों की चुकौती अवधि दी जाती है।
2. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
PMEGP योजना का उद्देश्य लघु उद्योगों के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। इसे खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा संचालित किया जाता है।
- निर्माण क्षेत्र के लिए ₹25 लाख तक का ऋण
- सेवा क्षेत्र के लिए ₹10 लाख तक का ऋण
- सब्सिडी 15% से 35% तक, श्रेणी और क्षेत्र पर निर्भर
आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और न्यूनतम आठवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
3. स्टैंड-अप इंडिया योजना
स्टैंड-अप इंडिया योजना अनुसूचित जाति / जनजाति और महिला उद्यमियों के लिए है। इसके तहत ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक का ऋण दिया जाता है ताकि वे नए उद्योग, सेवा या व्यापार शुरू कर सकें।
यह योजना हर बैंक शाखा से कम से कम एक महिला और एक SC/ST उद्यमी को लाभ देने का लक्ष्य रखती है।
4. पीएम स्वनिधि योजना
पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौरान स्ट्रीट वेंडर्स को राहत देने के लिए की गई थी।
- प्रारंभिक ऋण ₹10,000 तक
- समय पर चुकौती करने पर ₹20,000 और ₹50,000 तक अगला ऋण
- 7% वार्षिक ब्याज सब्सिडी
- डिजिटल लेनदेन पर कैशबैक भी मिलता है
इसके लिए वेंडिंग प्रमाण पत्र या नगर निकाय द्वारा सिफारिश पत्र की आवश्यकता होती है।
5. संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) – किसानों के लिए
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना के अंतर्गत किसानों को ₹5 लाख तक का लघुकालिक ऋण 7% ब्याज पर दिया जाता है। समय पर चुकौती करने पर 3% अतिरिक्त छूट दी जाती है जिससे प्रभावी ब्याज दर 4% रह जाती है।
इससे छोटे और सीमांत किसानों को कृषि कार्यों के लिए पूंजी मिलती है।

6. शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (CGFSEL)
यह योजना छात्रों को बिना ज़मानत ₹7.5 लाख तक शिक्षा ऋण प्राप्त करने में मदद करती है।
यदि छात्र ऋण नहीं चुका पाते हैं तो सरकार 75% तक गारंटी देती है। यह भारत और विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए लागू है।
7. निर्माण क्षेत्र के MSME के लिए क्रेडिट गारंटी योजना
2024-25 के बजट में घोषित यह योजना लघु और मध्यम विनिर्माण इकाइयों को बिना ज़मानत मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए ऋण प्रदान करती है।
- ₹1 अरब तक की गारंटी
- स्वयं वित्तपोषित गारंटी कोष
- संकटग्रस्त MSMEs को NPA होने से रोकने हेतु सहायता
8. कृषि ऋण सीमा में वृद्धि
दिसंबर 2024 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बिना ज़मानत कृषि ऋण की सीमा ₹1.6 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दी है। इसका उद्देश्य किसानों को महंगे कृषि इनपुट्स के लिए आसानी से ऋण दिलाना है।
भविष्य में छोटे वित्तीय बैंक UPI के माध्यम से प्री-सैंक्शन क्रेडिट लाइन भी प्रदान कर सकते हैं।
9. प्राथमिकता क्षेत्र ऋण दिशानिर्देशों में संशोधन
1 अप्रैल 2025 से लागू नए दिशानिर्देशों के अंतर्गत:
- आवास और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों के लिए ऋण सीमा बढ़ाई गई
- ‘कमजोर वर्गों’ की परिभाषा विस्तारित
- शहरी सहकारी बैंकों के लिए 60% तक ऋण लक्ष्य
- महिला लाभार्थियों के लिए ऋण सीमा हटा दी गई
इन सुधारों से जरूरी क्षेत्रों में ऋण प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा।
निष्कर्ष
भारत की सरकारी ऋण योजनाएं करोड़ों लोगों के लिए आशा की किरण हैं। ये योजनाएं आर्थिक सशक्तिकरण, स्वरोजगार और सामाजिक समानता के लिए महत्वपूर्ण साधन बन चुकी हैं।
चाहे आप एक स्टार्टअप शुरू करना चाहें, पढ़ाई के लिए ऋण लें या अपने खेत के लिए पूंजी जुटाना चाहते हों सरकारी योजनाएं आपके साथ हैं। जरूरत है तो बस जानकारी और पहल की।

Pankaj Kumar is a journalist at Chandigarh X, covering admit cards, recruitment, and government schemes. His articles provide readers with detailed insights into application processes, eligibility, and exam updates.
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