एक ऐसा राज्य जहाँ कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, तेलंगाना की प्रमुख योजना रायथु बीमा योजना किसानों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच बनी हुई है। अगस्त 2018 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य सभी पात्र ज़मींदार किसानों को जीवन बीमा कवरेज प्रदान करना है, ताकि उनकी आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में उनके परिवारों को वित्तीय सहायता मिल सके।
जैसे-जैसे यह योजना 2025 में प्रवेश कर रही है, राज्य सरकार इसे और अधिक तेज़, स्मार्ट और सुलभ बनाने के लिए तकनीकी सुधारों को लागू कर रही है।
किसानों के लिए वित्तीय सुरक्षा कवच
रायथु बीमा (किसान समूह जीवन बीमा योजना) के तहत पंजीकृत किसान की मृत्यु होने पर उसके नामांकित व्यक्ति को ₹5 लाख की बीमा राशि प्रदान की जाती है, चाहे मृत्यु प्राकृतिक हो या दुर्घटनावश।
अन्य पारंपरिक बीमा योजनाओं के विपरीत, यह योजना पूरी तरह तेलंगाना सरकार द्वारा वित्तपोषित है। किसानों को कोई प्रीमियम नहीं देना होता सरकार यह राशि सीधे भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को देती है।
इस योजना का उद्देश्य विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के परिवारों को सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
- तेलंगाना राज्य का निवासी होना चाहिए
- 18 से 59 वर्ष की आयु के बीच होना चाहिए
- वैध पट्टादार पासबुक (भूमि स्वामित्व प्रमाण) धारक होना चाहिए
एक बार नामांकन होने पर, जब तक किसान इन मानदंडों को पूरा करता है, वह योजना के अंतर्गत कवर रहता है। MyScheme पोर्टल पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध है।

नामांकन और दावा प्रक्रिया
नामांकन प्रक्रिया कृषि विस्तार अधिकारियों (AEOs) के माध्यम से होती है, जो गाँवों में जाकर किसानों की जानकारी एकत्रित करते हैं और उसे रायथु बंधु-रायथु बीमा पोर्टल पर अपलोड करते हैं। इसके बाद मंडल कृषि अधिकारी (MAO) द्वारा जानकारी की पुष्टि होती है और फिर इसे LIC को भेजा जाता है।
किसी पंजीकृत किसान की मृत्यु होने पर, उसका नामांकित व्यक्ति 6 महीने के भीतर दावा दायर कर सकता है। आवश्यक दस्तावेज़ हैं:
- मृत्यु प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड (मृतक और नामांकित व्यक्ति)
- बैंक पासबुक
- दावा फॉर्म
स्थानीय AEO सहायता प्रदान करते हैं, और दस्तावेज़ जमा करने के बाद, LIC आमतौर पर 10 दिनों के भीतर राशि सीधे नामांकित व्यक्ति के बैंक खाते में स्थानांतरित कर देता है। आधिकारिक पोर्टल पर विस्तृत दिशानिर्देश उपलब्ध हैं।
विस्तृत कवरेज और प्रभाव
2025 तक, इस योजना में 50 लाख से अधिक किसान पंजीकृत हो चुके हैं। केवल निजामाबाद ज़िले में ही लगभग 1.66 लाख किसान योजना में शामिल हैं, और हर वर्ष 1,000 से अधिक दावे स्वीकृत होते हैं।
अब तक राज्यभर में ₹4,000 करोड़ से अधिक की बीमा राशि का वितरण किया जा चुका है, जिससे यह भारत की सबसे प्रभावशाली किसान कल्याण योजनाओं में से एक बन गई है।
2025 में स्मार्ट सुधार
दावे की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने और धोखाधड़ी से बचने के लिए, तेलंगाना सरकार अब इस योजना में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को शामिल कर रही है। इसके अंतर्गत:
- भूमि रिकॉर्ड की स्वचालित जाँच
- मृत्यु प्रमाण पत्र का क्रॉस-वेरिफिकेशन
- नकली या दोहराए गए दावों की पहचान
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, इन तकनीकी उपायों से दावा प्रक्रिया की गति बढ़ेगी और सटीकता भी बेहतर होगी।
चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
इस योजना की सफलता के बावजूद कुछ समस्याएं भी सामने आई हैं:
- धोखाधड़ी वाले दावे: 2024 में कई फर्जी दावों के मामले सामने आए, जहाँ कुछ लोगों ने मृत किसानों के नाम पर झूठे दावे दायर किए। इसके बाद सरकार ने जाँच प्रक्रिया को और मजबूत किया। (स्रोत)
- आत्महत्या मामलों का बहिष्कार: योजना में किसानों की आत्महत्या को कवर नहीं किया गया है, जिससे किसान संगठनों में नाराज़गी है। वे चाहते हैं कि यह योजना आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों को भी शामिल करे।
निष्कर्ष
रायथु बीमा योजना तेलंगाना के किसान कल्याण प्रयासों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इसकी उदार वित्तीय सहायता, सरल पहुँच और तेज़ दावा निपटान प्रणाली इसे किसानों के परिवारों के लिए एक सच्चा सहारा बनाती है।
2025 में प्रस्तावित AI आधारित सुधारों से इसकी पारदर्शिता और दक्षता में और वृद्धि होने की उम्मीद है।
एक ऐसा क्षेत्र जहाँ जोखिम हर कदम पर है, वहाँ रायथु बीमा किसानों को यह विश्वास देता है—कि मुश्किल समय में राज्य उनके साथ है।

Pankaj Kumar is a journalist at Chandigarh X, covering admit cards, recruitment, and government schemes. His articles provide readers with detailed insights into application processes, eligibility, and exam updates.
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