भारतीय बैंकिंग सिस्टम में 1 अप्रैल 2025 से कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं, जो सीधे तौर पर बैंक खाता धारकों को प्रभावित करेंगे। इन नियमों का उद्देश्य वित्तीय सुरक्षा को बढ़ाना, डिजिटल लेन-देन में सुरक्षा का स्तर बढ़ाना और ग्राहकों के लिए सेवाओं को और अधिक सुगम बनाना है। इस लेख में हम उन 5 प्रमुख नियमों की चर्चा करेंगे, जो अप्रैल से लागू हुए हैं और जो बैंक खाता धारकों के लिए जरूरी हैं।
नियम | विवरण |
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पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) | ₹50,000 से अधिक के चेक भुगतान के लिए चेक के सभी विवरण बैंक को पहले से प्रदान करना होगा। |
क्रेडिट कार्ड नवीनीकरण नियम | क्रेडिट कार्ड नवीनीकरण पर एक साल की वार्षिक शुल्क माफी। |
एटीएम निकासी शुल्क | होम ब्रांच से बाहर के एटीएम से ₹50,000 से अधिक की निकासी पर ₹21 शुल्क (पहले ₹20)। |
UPI मोबाइल नंबर अपडेट | UPI आईडी निष्क्रिय होने से बचने के लिए बैंक ग्राहकों के मोबाइल नंबर को अद्यतित करना होगा। |
न्यूनतम शेष राशि नियम | बचत खातों में न्यूनतम शेष राशि न बनाए रखने पर जुर्माना। |
फिक्स्ड डिपॉजिट नियम | फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए पूर्व-निर्धारित निकासी, अनिवार्य नामांकन और परिपक्वता सूचना। |
1. पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) का अनिवार्य होना
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चेक धोखाधड़ी को रोकने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) को अनिवार्य कर दिया है। अब, ₹50,000 से अधिक के चेक भुगतान के लिए ग्राहकों को चेक के सभी विवरण जैसे चेक नंबर, तारीख, राशि और लाभार्थी का नाम बैंक को पहले से प्रदान करना होगा। इस सिस्टम के तहत बैंक इन विवरणों का मिलान करेगा और तभी चेक को भुगतान करेगा। यह कदम ग्राहकों और बैंकों दोनों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह धोखाधड़ी के मामलों को कम करने में मदद करेगा।
2. क्रेडिट कार्ड से संबंधित नए नियम
क्रेडिट कार्ड के नियमों में भी बदलाव हुआ है। IDFC First Bank ने घोषणा की है कि 31 मार्च 2025 के बाद क्रेडिट कार्ड नवीनीकरण करने वाले ग्राहकों के लिए एक साल का वार्षिक शुल्क माफ कर दिया जाएगा। यह कदम बैंक के क्रेडिट कार्ड धारकों को राहत देने के लिए उठाया गया है और इससे उन्हें अपनी कार्ड सेवाओं का लाभ अधिक आसानी से मिलेगा। इसके अलावा, नए नियमों के तहत क्रेडिट कार्ड पर लोन की दरें भी निर्धारित की गई हैं, जिससे कार्ड धारक बेहतर तरीके से अपने खर्चों का प्रबंधन कर सकेंगे।

3. एटीएम निकासी शुल्क में वृद्धि
एक अन्य बड़ा बदलाव है एटीएम से निकासी पर शुल्क बढ़ाना। अब, यदि आप अपनी होम ब्रांच से बाहर के एटीएम से ₹50,000 से अधिक की राशि निकालते हैं, तो हर अतिरिक्त निकासी पर ₹21 का शुल्क लिया जाएगा। पहले यह शुल्क ₹20 था। इस बदलाव से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बैंक ग्राहकों के लेन-देन में अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान कर सकें। हालांकि, यदि आप अपनी होम ब्रांच के एटीएम से निकासी करते हैं, तो कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
4. UPI सेवा के लिए मोबाइल नंबर अपडेट की आवश्यकता
राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी बैंकों और भुगतान सेवा प्रदाताओं को अपने ग्राहकों के मोबाइल नंबर साप्ताहिक रूप से अपडेट करने होंगे। यदि आपका मोबाइल नंबर निष्क्रिय हो गया है, तो आपका UPI ID भी निष्क्रिय हो सकता है। इस बदलाव के माध्यम से, सरकार ग्राहकों की पहचान और बैंकिंग की सुरक्षा को और मजबूत करना चाहती है। इस कारण, यह जरूरी है कि बैंक खाता धारक अपनी जानकारी बैंक के साथ अद्यतित रखें, ताकि किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
5. बचत खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि नियमों में बदलाव
कुछ प्रमुख बैंकों ने बचत खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता में बदलाव किया है। अब यदि खाता धारक अपने बचत खाते में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने में असमर्थ रहते हैं, तो उन्हें जुर्माना देना होगा। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गया है और इसका उद्देश्य ग्राहकों को अपने खाते को सक्रिय रखने के लिए प्रेरित करना है। यह नियम बैंकिंग व्यवस्था को अधिक व्यवस्थित और सुगम बनाने के लिए है।
6. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) नियमों में बदलाव
भारतीय रिजर्व बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट से संबंधित कुछ नए नियम लागू किए हैं। अब फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए पूर्व-निर्धारित निकासी, अनिवार्य नामांकन और परिपक्वता सूचना जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इन बदलावों के माध्यम से ग्राहकों को फिक्स्ड डिपॉजिट में अधिक लचीलापन और सुरक्षा मिल रही है। यह कदम निवेशकों के हितों की रक्षा करने के लिए उठाया गया है, ताकि वे सुरक्षित रूप से अपना पैसा निवेश कर सकें।
निष्कर्ष
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले इन नए बैंकिंग नियमों के माध्यम से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है। इन बदलावों के माध्यम से न केवल ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा रहा है, बल्कि डिजिटल लेन-देन में सुरक्षा का स्तर भी बढ़ाया गया है। ग्राहकों को इन नियमों से परिचित होना चाहिए, ताकि वे किसी भी प्रकार के जुर्माने से बच सकें और अपनी वित्तीय योजनाओं को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ा सकें।

Pankaj Kumar is a journalist at Chandigarh X, covering admit cards, recruitment, and government schemes. His articles provide readers with detailed insights into application processes, eligibility, and exam updates.
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