महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार द्वारा प्रस्तुत महाराष्ट्र बजट 2025 राज्य के आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे के विस्तार और सामाजिक कल्याण योजनाओं की रूपरेखा तैयार करता है। ₹7.20 लाख करोड़ के कुल बजट के साथ, यह बजट परिवहन, औद्योगिक विस्तार और रोजगार सृजन पर केंद्रित है, जबकि वित्तीय संतुलन बनाए रखने का भी ध्यान रखा गया है।
आर्थिक स्थिति और वित्तीय लक्ष्य
महाराष्ट्र के 2025-26 के बजट में निम्नलिखित महत्वपूर्ण वित्तीय आंकड़े शामिल हैं:
- कुल बजट आकार: ₹7.20 लाख करोड़
- राजकोषीय घाटा: ₹1,36,234 करोड़
- राजस्व उत्पन्न करने की योजना: करों में संशोधन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से संतुलन स्थापित किया जाएगा।
अजीत पवार ने कहा कि सरकार विकास परियोजनाओं पर लक्षित खर्च सुनिश्चित करने के साथ राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है।
प्रमुख अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) परियोजनाएँ
महाराष्ट्र में बुनियादी ढांचे के विस्तार को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला है, खासकर मुंबई में, जहां ₹64,000 करोड़ का आवंटन किया गया है।
- मेट्रो नेटवर्क विस्तार: मुंबई में यातायात भीड़ को कम करने के लिए कई नई मेट्रो लाइनों की योजना बनाई गई है।
- मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL): 22 किमी लंबे समुद्री पुल के निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने पर जोर दिया जाएगा।
- तीसरा मुंबई हवाई अड्डा: पालघर जिले में वधावन बंदरगाह के पास नए हवाई अड्डे की योजना बनाई गई है, जो 2030 तक चालू होने की उम्मीद है।
- वधावन बंदरगाह विकास: महाराष्ट्र सरकार 26% निवेश करेगी ताकि समुद्री व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके।
अधिक जानकारी के लिए महाराष्ट्र इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MIDC) की वेबसाइट पर जाएं।
औद्योगिक विकास और रोजगार योजनाएँ
महाराष्ट्र को भारत का शीर्ष निवेश केंद्र बनाने के उद्देश्य से, बजट में नई औद्योगिक नीति पेश की गई है, जिसमें अगले पाँच वर्षों में ₹40 लाख करोड़ का निवेश और 50 लाख नौकरियों के सृजन का लक्ष्य है। इस नीति में शामिल हैं:
- हरित (ग्रीन) उद्योगों और निर्माण केंद्रों के लिए प्रोत्साहन।
- स्टार्टअप और MSME के लिए विशेष सब्सिडी।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने के लिए त्वरित स्वीकृति।
अधिक जानकारी के लिए महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) की वेबसाइट देखें।

सामाजिक कल्याण और महिला सशक्तिकरण
महाराष्ट्र सरकार ने महिला कल्याण को बढ़ावा देने के लिए लाडकी बहिन योजना के तहत ₹36,000 करोड़ आवंटित किए हैं। हालांकि, ₹1,500 से ₹2,100 प्रति माह की वृद्धि राजकोषीय संतुलन हासिल होने तक टाल दी गई है।
इसके अतिरिक्त, बजट में निम्नलिखित शामिल हैं:
- नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए अधिक धनराशि।
- बालिका शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों का विस्तार।
- मासिक धर्म स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के लिए सैनिटरी उत्पादों पर सब्सिडी।
कराधान नीति में बदलाव
राजकोषीय घाटे को संतुलित करने के लिए, महाराष्ट्र सरकार ने करों में संशोधन किए हैं:
- इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर 6% कर, यदि वाहन की कीमत ₹30 लाख से अधिक हो।
- CNG और LPG वाहनों पर कर 1% बढ़ाया गया।
- निर्माण उपकरणों (क्रेन, खुदाई मशीन आदि) पर 7% कर लगाया गया।
यह कदम सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को वित्तीय रूप से मजबूत करने में मदद करेगा। अधिक जानकारी के लिए महाराष्ट्र कर विभाग देखें।
कृषि और ग्रामीण विकास पर ध्यान
किसानों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, बजट में कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं:
- ₹12,000 करोड़ की राशि सिंचाई परियोजनाओं के लिए।
- छोटे और सीमांत किसानों को ब्याज मुक्त ऋण।
- महात्मा फुले ऋण माफी योजना का विस्तार।
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में निवेश
- नए सरकारी अस्पतालों का निर्माण: गरीब परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए 10 नए मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों की योजना।
- शिक्षा बजट में वृद्धि: सरकारी स्कूलों के उन्नयन और ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ₹5,000 करोड़ का आवंटन।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र बजट 2025 सरकार की बुनियादी ढांचे के विकास, औद्योगिक विस्तार और सामाजिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालांकि, बढ़ते कर और राजकोषीय घाटे को संतुलित करना आने वाले वर्षों में एक चुनौती रहेगा।
महत्वाकांक्षी परियोजनाओं और सुधारों के साथ, महाराष्ट्र सरकार राज्य को भारत की आर्थिक शक्ति बनाने के लिए प्रयासरत है।
बजट के पूर्ण दस्तावेज और सरकारी अधिसूचनाओं के लिए महाराष्ट्र वित्त विभाग देखें।

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