उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अक्टूबर 2017 में शुरू की गई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना एक महत्वपूर्ण सामाजिक कल्याण योजना है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सामूहिक विवाह समारोहों के माध्यम से सहायता प्रदान करना है। यह योजना न केवल विवाह से जुड़ी आर्थिक बाधाओं को कम करती है, बल्कि सामाजिक समानता और सांप्रदायिक सौहार्द को भी बढ़ावा देती है।
अब तक इस योजना के तहत 3.84 लाख से अधिक विवाह संपन्न हो चुके हैं, और जल्द ही यह संख्या 4 लाख को पार करने की उम्मीद है। हाल ही में सरकारी निगरानी बढ़ाई गई है और तकनीकी सुधार किए गए हैं ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके।
सामूहिक विवाह योजना की मुख्य विशेषताएँ
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उन परिवारों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिनके लिए विवाह के खर्च वहन करना मुश्किल होता है। इस योजना के तहत सरकार प्रति जोड़े ₹51,000 की वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जो निम्नानुसार वितरित की जाती है:
- ₹35,000 सीधे दुल्हन के बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं ताकि वह नए जीवन की शुरुआत कर सके।
- ₹10,000 शादी के लिए आवश्यक कपड़े, आभूषण और घरेलू सामान खरीदने हेतु दिए जाते हैं।
- ₹6,000 विवाह समारोह की व्यवस्था (जैसे स्थल, भोजन, सजावट आदि) के लिए दिए जाते हैं।
इसके अलावा, सरकार यह सुनिश्चित करती है कि सभी धार्मिक और पारंपरिक रीति-रिवाजों का सम्मान किया जाए, जिससे हिंदू, मुस्लिम और अन्य समुदायों के लोग इसमें समान रूप से भाग ले सकें।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:
- दुल्हन के परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- दुल्हन की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और दूल्हे की 21 वर्ष होनी चाहिए।
- विवाह केवल सरकार द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम के तहत ही संपन्न होना चाहिए।
- दूल्हा या दुल्हन उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए।

अब तक की उपलब्धियाँ और प्रभाव
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने हजारों परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके जीवन को बेहतर बनाया है।
योजना के अंतर्गत विवाहों की संख्या
- पिछले 7 वर्षों में 3.84 लाख से अधिक विवाह संपन्न हुए।
- 2023-24 के वित्तीय वर्ष में ही 25,000 से अधिक जोड़ों का विवाह हुआ।
- सरकार 4 लाख विवाहों का लक्ष्य जल्द ही पूरा करने की योजना बना रही है।
यह योजना उन परिवारों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हुई है, जो विवाह से जुड़े खर्च उठाने में सक्षम नहीं होते।
सामाजिक समानता को बढ़ावा
इस योजना के माध्यम से विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग एक साथ विवाह समारोहों में शामिल होते हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द और एकता को बढ़ावा मिलता है। सरकार यह सुनिश्चित करती है कि सभी जोड़ों को समान सम्मान और अवसर मिले।
हाल ही में किए गए सुधार और नई पहल
योजना को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ नई प्रक्रियाएँ लागू की हैं।
नई मानक संचालन प्रक्रियाएँ
योजना का दुरुपयोग रोकने और इसे बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं:
- प्रत्येक आयोजन में अधिकतम 100 जोड़ों को ही अनुमति दी जाएगी ताकि योजना को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा सके।
- विवाह समारोह में सरकारी अधिकारियों की अनिवार्य उपस्थिति रहेगी, जिससे गड़बड़ियों को रोका जा सके।
- कार्यक्रमों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा।
अधिक जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश सामाजिक कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
आधार और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) का एकीकरण
इस योजना में धोखाधड़ी रोकने और वास्तविक लाभार्थियों तक सहायता पहुँचाने के लिए सरकार ने आधार और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) को जोड़ने का निर्णय लिया है।
इसका लाभ:
- प्रत्येक जोड़े के आधार विवरण की जाँच की जाएगी ताकि डुप्लिकेट या फर्जी लाभार्थियों को रोका जा सके।
- आर्थिक सहायता सीधे दुल्हन के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी, जिससे बिचौलियों और भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हो जाएगी।
अधिक जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की आधार और DBT पोर्टल पर जाएँ।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
- उत्तर प्रदेश सामाजिक कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना” के लिंक पर क्लिक करें।
- “ऑनलाइन आवेदन” विकल्प चुनें और पंजीकरण फॉर्म भरें।
- आवश्यक जानकारी दर्ज करें:
- दूल्हा और दुल्हन का नाम, जन्मतिथि, पता
- माता-पिता/अभिभावक का नाम
- बैंक खाता विवरण
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
- सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- आवेदन फॉर्म जमा करें और रसीद डाउनलोड करें।
- आवेदन समीक्षा के बाद स्वीकृति मिलने पर विवाह कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी।

योजना से जुड़ी चुनौतियाँ और सरकार द्वारा उठाए गए कदम
हालाँकि, योजना को लेकर कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं, जिन्हें सरकार ने प्रभावी उपायों द्वारा दूर करने का प्रयास किया है।
फर्जी लाभार्थियों द्वारा योजना का दुरुपयोग
कुछ मामलों में ऐसे जोड़े सामने आए हैं, जो इस योजना के लिए अयोग्य होते हुए भी लाभ लेने की कोशिश करते हैं। इसे रोकने के लिए:
- आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
- सरकारी अधिकारी प्रत्येक जोड़े का व्यक्तिगत सत्यापन करेंगे।
इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ी समस्याएँ
सामूहिक विवाह का आयोजन व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से करने के लिए सरकार ने:
- प्रत्येक समारोह में 100 जोड़ों की सीमा तय की है।
- अधिक जिला-स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटियों का गठन किया है।
योजना की जानकारी और जागरूकता की कमी
कई पात्र परिवार अब भी इस योजना की जानकारी से वंचित हैं। इसे दूर करने के लिए:
- सरकार ने टीवी, रेडियो, और सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता अभियान शुरू किए हैं।
- स्थानीय अधिकारियों को पात्र परिवारों की पहचान कर उन्हें योजना से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
जनता की प्रतिक्रिया और भविष्य की योजनाएँ
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को जनता की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। लाभार्थी परिवारों ने इसे आर्थिक तनाव को कम करने वाली योजना बताया है, जबकि सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला कदम कहा है।
आधार और DBT से योजना की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और कारगर बनाया जा रहा है, जिससे लाभ वास्तविक पात्रों तक ही पहुँचेगा।
सरकार इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है और इसे सभी गरीब परिवारों तक पहुँचाने का लक्ष्य रखती है।
निष्कर्ष
सामूहिक विवाह योजना एक अनूठी सामाजिक पहल है, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मदद कर रही है। इस योजना के माध्यम से विवाह को एक गरिमामयी और समावेशी अनुभव बनाया गया है।
सरकार के निरंतर सुधार प्रयासों और पारदर्शिता बढ़ाने के कदमों के कारण यह योजना गरीब परिवारों के लिए आशा की किरण बन गई है, जो यह सिद्ध करता है कि सही नीतियों और मजबूत प्रशासन के माध्यम से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

Pankaj Kumar is a journalist at Chandigarh X, covering admit cards, recruitment, and government schemes. His articles provide readers with detailed insights into application processes, eligibility, and exam updates.
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